5 TIPS ABOUT पारद शिवलिंग क्या है YOU CAN USE TODAY

5 Tips about पारद शिवलिंग क्या है You Can Use Today

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पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।

Based on the historic Vedic texts, it is actually regarded that even by touching the energized Parad Shivling when, sins are eliminated.

यह भी पढ़ें: तुलसी पूजा का महत्व और तुलसी पूजा की विधि।

- दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है।

समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न विष को पीकर भगवान शिव ने संसार को इसके विनाश से सुरक्षित रखा था। विष पीने से उनका कंठ नीला हो गया था, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। विष की पीड़ा से उत्पन्न दाह को शांत करने के लिए देवताओं और ऋषियों ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया था तब से यह परंपरा आज भी जारी है। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक मानकर पूजा जाता है और इसकी पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है।

पारद शिवलिंग की पूजा से घर में शांति और सद्भाव का माहौल बनता है।

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नियमित पूजा में उन्हें धूप, दीप और पुष्प चढ़ाएं और शिव मंत्रों का जाप करें। पारद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, पीपल, बरगद और तुलसी जी के पौधे में न डालें। व्यापार वृद्धि के लिए पारद शिवलिंग के साथ दक्षिणावर्ती शंख को रखना चाहिए।

अभिषेक मध्ये तुप , पाणी , गंगाजल , मध, (पाच वस्तूने बनविलेले पंचामृत) , वापर करू शकता.

इसके बाद पर पराद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जलाना चाहिए।

पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। 

- शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं।

शिवलिंग की आरती करके भोग को सब लोगों में बांटना चाहिए।

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